ये हैं हिमाचल प्रदेश पर्यटन के अनमोल रत्न, इनकी सुंदरता आपका मन मोह लेगी

हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. हिमालय की गोदी में बसे इस राज्य में चीड़ के जंगल, ऊंची पर्वत चोटियाँ व इन चोटियों से बहने वाली नदियाँ इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं. आज हम आपको हिमाचल की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बतायेंगे जो पर्यटकों की भीड़ से हटकर काफी शांत और मनोरम हैं. इस गर्मियों की छुट्टियों में आप इन जगहों पर घूमने का प्लान बनाकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं.

केलांग

समुद्र तल से 3350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केलांग “मठों की भूमि” के नाम से प्रसिद्ध है. यह लाहौल और स्पीति जिलों का मुख्यालय है. यहाँ ऊँची ऊँची पहाड़ियां और वादियों पर छाई हरियाली मन को आनंदित करती है. केलांग की प्रशंसा में जाने माने लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने कहा है कि “यहाँ भगवन वास करते हैं, इंसानों के लिए यहाँ कोई स्थान नहीं”. केलांग में आप कई बौद्ध धार्मिक स्थल देख सकते हैं, जो अपनी निर्माण शैली और इनमें छिपे इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं.

रायसन

कुल्‍लू से 16 किमी. दूर स्थित रायसन समुद्र तल से 1433 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह व्‍यास नदी के किनारे पर बसा हुआ एक छोटा सा गांव है जो व्‍हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग के लिए जाना जाता है. यहां सेब, प्‍लम और खुबानी के कई बाग हैं. प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध यह स्‍थल सर्दियों के मौसम में बेहद रंगीन हो जाता है.

शोजा

हिमाचल प्रदेश की सेराज घाटी में स्थित शोजा एक अत्यंत ही सुंदर स्थान है. जालोरी पास से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शोजा समुद्र तल से 2368 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. यहाँ से आप बर्फ से ढकी हिमालय की श्रेणियों का मनोरम दृश्य देख सकते हैं.

कोटखाई

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कोटखाई एक छोटा सा शहर है. इस जगह का शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह जगह 23,000 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले अपने सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है.

पालमपुर

काँगड़ा घाटी में समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पालमपुर अपने शानदार परिदृश्य और शांत वातावरण के लिये जाना जाता है. चीड़ और देवदार के घने जंगल और स्वच्छ पानी की धाराएँ यहाँ के आकर्षण को बढ़ाती हैं. यह स्थान प्रकृति और कला प्रेमियों के लिये उपयुक्त है. इस स्थान का नाम हिमाचली शब्द ‘पुलुम’ के नाम पर पड़ा जिसका अर्थ है पानी की प्रचुरता है.

भुंतर

समुद्र तल से लगभग 2050 मीटर की ऊँचाई पर स्थित भुंतर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है. इसे कुल्लू घाटी के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है और इस शहर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है. दर्शनीय स्थलों की सैर के अलावा आप यहाँ कई साहसिक गतिविधियाँ जैसे लंबी पैदल यात्रा, रॉक क्लाइम्बिंग और कयाकिंग कर सकते हैं.

मशोबरा

शिमला जिले में स्थित मशोबरा एक लोकप्रिय पर्यटक स्‍थल है. समुद्र तल से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, मशोबरा  सिंधु और गंगा नदी के तट पर स्थित है और एशिया के सबसे बड़े वाटरशेड के रूप में माना जाता है.पहाड़ियों में एक सुंदर शहर के रूप में, यह जगह अपने सम्मोहित करने वाले दृश्यों और ठंडी जलवायु के लिए आगंतुकों के बीच अच्छी तरह से जाना जाता है.

रोहरू

रोहरू हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्थित एक नगरपालिका है. यह समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर पब्बर नदी के तट पर स्थित अपने सेब बागानों के लिए लोकप्रिय है. यहाँ सुर्ख लाल और रॉयल स्वादिष्ट दो किस्में क्षेत्र में पाई जाने वाली सेब की सबसे प्रसिद्ध किस्मों में से हैं. साहसिक कार्य के प्रति उत्साही लोग इस क्षेत्र में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग और हैन्ड ग्लाइडिंग भी कर सकते हैं.

ट्रैवेलिंग के शौकीन लोगों को ये जगहें नहीं करनी चाहिए मिस!

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