आप अपनी पर्सनल जानकारी को रखना चाहते हैं सुरक्षित, इस सर्च इंजन को करें यूज़

जब भी कुछ सर्च करने का नाम आता है, तो गूगल ही सबसे पहले लोगों के दिमाग में आता है. लोग तो सर्च करने को ही शॉर्ट में ‘गूगल कर लेना’ बोलते हैं और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सर्च इंजन और वेब ब्राउजर के मामले में फिलहाल गूगल नंबर वन है. गूगल का नंबर वन होने का कारण उसका फास्ट और स्मूद होना है. लोग आसानी से गूगल पर पलक झपकते ही कुछ भी सर्च करके तमाम तरह की जानकारी ले पाते हैं. इसके अलावा गूगल सस्ते से महंगे स्मार्टफोन्स और किसी भी डिवाइस पर आसानी से चलता है. यदि हम प्राइवेसी की बात करें तो गूगल सर्च और गूगल क्रोम पीछे हैं.

गूगल को इस्तेमाल करते समय आपने ध्यान दिया होगा तो आपको ये पता ही होगा कि गूगल पर आप जो भी सर्च करते हैं गूगल उसे स्टोर कर लेता है. इसी तरह गूगल क्रोम ब्राउजर का भी सिस्टम है जो आपके विजिटेड वेबसाइट का डाटा स्टोर करता है. दरअसल ऐसी इसलिए भी है क्योंकि गूगल की कमाई का बड़ा हिस्सा विज्ञापन से आता है, इसलिए कंपनी डाटा स्टोर करके पैसे कमाने का काम करती है.

Image Source

अब आपके दिमाग में चल रहा होगा कि तो फिर तमाम तरह की सर्चिंग और ब्राउजिंग कहां पर सुरक्षित तरह से प्राइवेट रखते हुए की जाएं. तो ये अब आपके ऊपर है कि आप बिना किसी को बताए हुए कुछ सर्च करना चाहते हैं या फिर प्राइवेट सर्च करना चाहते हैं. आपके पास एक अच्छा ऑप्शन है, जिससे आप प्राइवेट रह कर सर्च कर सकते हैं और ब्राउजिंग भी कर सकते हैं.

DuckDuck Go नाम का एक पॉपुलर प्राइवेसी फोकस्ड सर्च इंजन है. कंपनी ये सुनिश्चित करती है कि आप इस प्लेटफॉर्म जो कुछ भी सर्च कर रहे हैं उसका डाटा किसी के पास न जाए. इसलिए कंपनी आपका डाटा स्टोर ही नहीं करती है.

चूंकि यहां सर्च करने पर डेटा स्टोर नहीं होता है, इसलिए गूगल की तरह यहां आपको सर्च करते समय पर्सनलाइज्ड सजेशन नहीं मिलेंगे. आप जो चाहेंगे सर्च करेंगे आपको खुद से ये ब्राउजर कोई सजेशन नहीं देगा जिस तरह से गूगल और गूगल क्रोम में मिलता है.

DuckDuck का गूगल क्रोम एक्सटेंशन भी है जिसे आप गूगल क्रोम में ऐड करके प्राइवेसी के साथ ब्राउजिंग कर सकते हैं. इसे ऐप स्टोर से आईफोन पर गूगल प्ले स्टोर से एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं.

कंपनी का दावा करती है कि यूजर का पर्सनल इनफॉर्मेशन स्टोर नहीं किया जाता है. आप इसे सर्च इंजन के तौर पर भी यूज कर सकते हैं और ब्राउजर में एक्स्टेंशन लगा कर भी इसे यूज कर सकते हैं.

वर्ष 2008 में लॉन्च हुए सर्च इंजन ‘डकडकगो’ (DuckDuckGO) भले ही अभी प्रतिस्पर्धा के मामले में गूगल से पीछे है, लेकिन यूजर्स की प्राइवेसी के लिहाज से यह बेहद सुरक्षित सर्च इंजन के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रहा है.