घुटनों की हल्की चोट को नज़रअंदाज़ करना आपको पड़ सकता है भारी, ऐसे करें बचाव

घुटने हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं. इसी के कारण हम चलने, पैरों को मोड़ने, दौड़ने आदि में सक्षम हो पाते हैं. हमारे पूरे शरीर का भार इन्हीं पर आता है और ऐसे में अगर इन पर हल्की सी भी चोट लग जाए तो हमें ठीक से खड़े होने में भी परेशानी होती है. कभी-कभी घुटनों में लगने वाली छोटी चोट पर ध्यान न देना बड़ी समस्या बन जाती है. इसलिए आज हम आपको घुटने की चोट और उसमें होने वाले दर्द से संबंधी कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती हैं.

घुटने की आम चोटें

घुटने की चोट में फ्रैक्चर, डिसलोकेशन, मोच या लिगामेंट्स का टूटना आता है. कई चोटें घुटने के साथ ही इससे जुड़ी अन्य चीजों पर भी लग जाती हैं.

1. फ्रैक्चर-


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घुटने में सबसे ज्यादा खतरा फ्रैक्चर होने का रहता है. यह फ्रैक्चर अक्सर घुटने की कटोरी में मुख्यत: होता है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना सही रहता है. 

2. डिसलोकेशन-

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यह तब होता है जब घुटने की हड्डियां अपनी जगह से थोड़ी खिसक जाती हैं. ऐसा होने पर व्यक्ति के पैर में असहनीय पीड़ा के साथ सूजन भी आ जाती है. डिसलोकेशन व्यक्ति के घुटने में किसी तरह की असामान्यता के कारण हो सकता है. जिन लोगों के घुटने सामान्य हैं, उनके घुटनों में डिसलोकेशन बहुत जोर से गिरने या किसी सड़क दुर्घटना के कारण हो सकता है.

3. लिगामेंट में चोट-

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घुटनों की हड्डी, कार्टिलेज, लिगामेंट्स और टेंडेन्स को मिलाकर बन होती है. इसलिए इसमें चोट लगने से एक नहीं, तीन हडि्डयां चोटिल होती हैं.  कई बार किसी चोट लगने के चलते अस्थिरज्जु के फटने से भी घुटने का दर्द होता है. हमारी रोजमर्रा की गतिविधियां जैसे वॉकिंग, रनिंग, जंपिंग या सीढ़ियां चढ़ने से भी घुटने पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. हर दिन के दबाव से घुटने की अस्थिरज्जु में टूट-फूट हो जाती है, जिससे जोड़ों का दर्द हो सकता है.     

4. आर्थराइटिस-

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यह घुटनों से संबंधित सबसे आम परंतु खतरनाक बीमारी है. कभी-कभी घुटनों में लगी हल्की सी चोट को नज़रअंदाज़ करने पर आने वाले तीन-चार सालों में आर्थराइटिस बीमारी होने की संभावनाएं सक्रिय हो जाती हैं. पैरों की नसें आपस में उलझ जाती है, आपको असहनीय पीड़ा तक हो सकती है, सूजन के साथ-साथ चलने-फिरने, पैर मोड़ने में, और देर तक खड़े रहने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए अगर आपके घुटने में भी ऐसा कुछ हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और व्यायाम करें. 

ऐसे में घुटनों का नियमित व्यायाम बेहद फायदेमंद होता है और दर्द दूर कर घुटने को मजबूत बनाता है. नी एक्सटेंशन भी घुटनों की चोट से ग्रस्त लोगों के लिये एक फायदेमंद एक्सरसाइज है. घुटनों की चोट से ग्रस्त लोग नी एक्सटेंशन करने के लिए सबसे पहले किसी स्थिर कुर्सी पर बैठ जाएं और दोनों हाथों से कुर्सी के हथ्थों को पकड़ लें. इससे आपके कोर एरिया को मजबूती और स्थिरता मिल जाएगी. अब अपने एक पैर को धीरे-धीरे ज़मीन से ऊपर उठाते हुए सामने की ओर सीधा कर लें और कुछ सेकंड रुकने के बाद वापस आराम से नीचे ले आएं. इस प्रक्रिया को 10 से 15 बार दोहराएं. इस एक्सरसाइझ के नियमित अभ्यास से घुटनो की मांसपेशियां और ऊतर मजबूत बनते हैं, घुटनों में र्कत प्रवाह भी बेहतर होता है और दर्द से आराम मिलता है. नी एक्सटेंशन के अलावा आप घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए मसल स्ट्रेचिंग भी कर सकते हैं.