भारत के दिल में बसने वाली इन जगहों की यात्रा ज़रूर करें!

मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है, यह इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से सुसज्जित भूमि है. राजसी किलों से लेकर शांत राष्ट्रीय उद्यानों तक, मध्य प्रदेश ढेर सारे अनुभव प्रदान करता है. चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, वन्यजीव प्रेमी हों, या बस प्रकृति में शांति की तलाश कर रहे हैं, तो मध्य प्रदेश आपके लिये सबसे उपयुक्त गंतव्य स्थान है. आज हम आपको मध्य प्रदेश में 10 ऐसी जगहों के बारे में बतायेंगे जहाँ जाकर आप शांति और सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं.

खजुराहो स्मारक समूह

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मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित अपनी बेहतरीन वास्तुकला और जटिल मूर्ति संरचना के लिए जाना जाने वाला, खजुराहो स्मारक समूह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. चंदेल राजवंश द्वारा 950 और 1050 ईस्वी के मध्य बनाए गए यहाँ के मंदिर प्रेम, नृत्य, काम और आध्यात्मिकता सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं.

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

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यदि आप वन्यजीव प्रेमी हैं, तो मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा अवश्य करें. बाघों की अधिक संख्या के लिए प्रसिद्ध, यह पार्क बाघों को देखने के लिये उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है. यहाँ बाघों के अलावा, आप तेंदुआ, हिरण और लंगूर सहित कई अन्य वन्यजीव प्राणियों को भी देख सकते हैं.

साँची स्तूप

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मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में साँची कस्बे में स्थित, सांची स्तूप भारत की सबसे पुरानी पत्थर संरचनाओं में से एक है. तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित, स्तूप एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यहाँ छोटे-बड़े अनेकों स्तूप हैं, जिनमें स्तूप संख्या 2 सबसे बड़ा है जिसकी नक्काशी अदभुत है. यह स्तूप शांति और सद्भाव का प्रतीक है.

ग्वालियर किला

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित ग्वालियर किला एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के साथ एक भव्य संरचना है. इस किले परिसर में कई महल, मंदिर और पानी के टैंक हैं, जो विभिन्न काल की स्थापत्य प्रतिभा को दर्शाते हैं. इस किले से शहर के शानदार नज़ारे देखने लायक होते हैं.

भीमबेटका रॉक शेल्टर

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मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है. पुरापाषाण कालीन ये शैलचित्र रोजमर्रा की जिंदगी, शिकार और अनुष्ठानों के दृश्यों को दर्शाती हैं, जो प्रारंभिक मानव सभ्यता की एक आकर्षक झलक प्रदान करती हैं.

भेड़ाघाट

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मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित भेड़ाघाट अपने धुआँधार जलप्रपात, नर्मदा नदी के साथ स्थित संगमरमर की चट्टानों के लिये प्रसिद्ध है. यहाँ नदी की धारा ऊपर उठी हुई ऊंची संगमरमर की चट्टानों से गिरकर मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य पैदा करती हैं. धुंआधार जलप्रपात को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है.

ओरछा

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मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले में स्थित ओरछा एक ऐतिहासिक नगर है. यह बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है. अपनी अदभुत वास्तुकला और सुंदर भित्तिचित्रों के लिये प्रसिद्ध ओरछा किला परिसर यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है.

पचमढ़ी

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मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित यह एक पर्वतीय पर्यटक स्थल (हिल स्टेशन) है. सतपुड़ा रेंज के बीच स्थित, पचमढ़ी एक सुरम्य हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुखद जलवायु के लिए जाना जाता है. अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पचमढ़ी को “सतपुड़ा की रानी” कहते हैं.

उज्जैन

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समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला प्राचीन शहर, उज्जैन भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. यह शहर महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी हुआ करती थी. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस शहर में ही स्थित है जो दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करता है. यह शहर सिंहस्थ कुंभ मेले का भी आयोजन करता है, जो हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है.

चंदेरी

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मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में स्थित चंदेरी मालवा और बुन्देलखंड की सीमा पर बसा हुआ है. यह अपने हथकरघा उद्योग और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है. बेतवा नदी के किनारे बसे इस शहर के किले, मस्जिदें और महल गौरवशाली अतीत को दर्शाते हैं. यहाँ आप बुन्देलखंडी शैली में बनी हस्तनिर्मित साड़ियों की खऱीददारी भी कर सकते हैं.

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