नीति आयोग ने जारी की बैटरी स्वैपिंग के लिए ड्राफ्ट पॉलिसी, महानगरों को दी जाएगी प्राथमिकता

नीति आयोग ने हाल ही में बैटरी स्वैपिंग के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की है, जिसके तहत पहले चरण में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क के विकास के लिए 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरीय शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं दूसरे चरण में उन शहरों को कवर किया जाएगा जो राज्यों की राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर हैं. यह पॉलिसी बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है.

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बैटरी स्वैपिंग वह विकल्प है, जिसमें डिस्चार्ज बैटरी का चार्ज बैटरी के साथ आदान-प्रदान किया जाता है, जिसे बाद में सुविधा के अनुसार चार्ज किया जा सकता है. यह चार्जिंग और बैटरी के उपयोग को डी-लिंक करता है और वाहन को मिनमल डाउनटाइम के साथ ऑपरेशनल मोड में रखता है.

इस नीति के अनुसार, स्वैपेबल बैटरी वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा, जिससे संभावित ईवी मालिकों को कम खरीद लागत का लाभ मिलेगा. ईवी बैटरियों की चार्जिंग और स्वैपिंग के लिए सुरक्षित और लागत प्रभावी बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए मानक बीसीएस और बीएसएस को बीआईएस/विद्युत मंत्रालय (एमओपी) द्वारा विकसित या अनुमोदित किया जाएगा.

 इस पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी भी स्थान पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए स्वतंत्र है, बशर्ते कि निर्दिष्ट तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए. स्वैपिंग स्टेशन पर उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (ईवीएसई) का परीक्षण किया जाएगा. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के संचालन के दौरान सुरक्षा के लिए ऑपरेटर को DISCOMS/CEA (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) के प्रोटोकॉल दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.  

इस नीति के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • वाहनों की बैटरी को एडवांस केमिस्ट्री बैटरियों के साथ स्वैपिंग को बढ़ावा देना, जिससे ईवीएस खरीदने की अग्रिम लागत को कम किया जा सके. 
  • चार्जिंग के स्थान पर बैटरी स्वैपिंग, ईवी उपयोगकर्ताओं को एक बेहतर विकल्प के रूप में के प्रदान करना.  
  • बैटरी प्रदाताओं, बैटरी ओईएम और अन्य प्रासंगिक भागीदारों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना, जिससे सक्षम पारिस्थितिक तंत्र के गठन को प्रोत्साहित किया जा सके एवं अंतिम उपयोगकर्ताओं को एकीकृत सेवाएं मिल सकें. 
  •  बैटरी के उपयोग को अधिकतम करना,बैटरियों के बेहतर जीवनचक्र एवं प्रबंधन को बढ़ावा देना और अंत में ख़राब हो चुकी बैटरियों की रीसाइक्लिंग करना. 
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आइये जानते हैं क्या होते हैं इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल?

EV इलेक्ट्रिक वाहन का संक्षिप्त रूप है. ईवी ऐसे वाहन हैं जो या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से विद्युत शक्ति से संचालित होते हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों की चलने की लागत कम होती है क्योंकि उनके पास बनाए रखने के लिए कम चलने वाले हिस्से होते हैं और पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं क्योंकि वे बहुत कम या कोई जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल या डीजल) का उपयोग नहीं करते हैं. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने का पहला ठोस फैसला 2010 में लिया गया था. 

2013 में, भारत ने इलेक्ट्रिक वाहनों में एक प्रमुख बदलाव करने और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा, वाहनों से होने वाले प्रदूषण और घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास के मुद्दों को संबोधित करने के लिए ‘नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) 2020’ का अनावरण किया था.

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