आधार कार्ड की फोटोकॉपी इस्तेमाल करने वालों के लिए सरकार ने दी चेतावनी, मास्क्ड आधार का करें उपयोग

भारत ने अपनी UIDAI की एडवाइज़री को वापस लेने की बता की है. इस एडवाइज़री में कहा गया था कि आम जनता किसी भी ऑर्गेनाइज़ेशन के साथ अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी शेयर कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) का कहना है कि वह प्रेस रिलीज वापस ले रहे हैं क्योंकि यह गलत व्याख्या कर सकती है. साथ ही सरकार ने जनता को सलाह दी है कि वे किसी भी संगठन के साथ आधार की फोटोकॉपी को साझा करने से बचें.

फोटोकॉपी का हो सकता है गलत इस्तेमाल

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अगर आपने अपने आधार की फोटोकॉपी भी साझा की तो उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. सरकार ने इसके अलावा सुझाया है कि जनता मास्क्ड आधार का इस्तेमाल कर सकती हैं जो कि आधार नंबर के सिर्फ आखिरी 4 अंकों को ही दर्शाता है.

बयान में यह भी कहा गया है कि प्रेस रिलीज़ का गलत उद्देश्य होने की संभावना देखते हुए उसे तुरंत वापस लिया जा रहा है. MeitY ने अपने विड्रॉल बयानमें कहा है कि यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड धारक को सिर्फ अपने आधार नंबर का इस्तेमाल करने और शेयर करने के लिए समझदारी से काम लेने की सलाह दी जाती है. बयान में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ‘आधार आईडेंटिटी ऑथेंटिकेशन सिस्टम ने आधार कार्ड धारक की पहचान और प्राइवेसी की सिक्योरिटी और प्रोटेक्शन के लिए उचित फीचर्स प्रदान किए हैं.’

आपको पता होगा कि आधार कार्ड में एक व्यक्ति की उंगलियों के निशान, चेहरे और आँखों का स्कैन से संबंधित एक यूनिक कोड होता है. इसका उद्देश्य भारती की वैलफेयर स्कीम में चोरी और गलतियों को रोकना है.

सोशल मीडिया पर वायरल हई चेतावनी

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सराकर द्वारा दी गई ये चेतावनी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, प्रेस रिलीज़ और इससे संबंधित खबरें वायरल हो गईं. ट्विटर के टॉप ट्रेंडिंग भारतीय मुद्दों में ये खबर भी शामिल रही. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधता को बनाए रखा, लेकिन प्राइवेसी पर गहरी चिंता जताई थी और बैंकिंग से लेकर टेलीकॉम सर्विस तक हर चीज के लिए इसे अनिवार्य बनाने के लिए सरकार पर जोर दिया था.

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