जल्द करना शुरू कर दें एक्सरसाइज, मंडरा रहा है इन बीमारियों का खतरा

हमारी रोज की दिनचर्या में हमारे सभी जरूरी काम हो रहे होते हैं लेकिन बस हम सिर्फ एक्सरसाइज को ही नज़रअंदाज कर जाते हैं. हम हर रोज ये सोचते रह जाते हैं कि बहुत जल्द खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज शुरू करेंगे. यह बात सभी जानते हैं कि फिट और हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है. एक स्वस्थ व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि वो रोजाना कम से कम 30-40 मिनट वर्कआउट करे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सलाह क्यों दी जाती है? क्या आपने सोचा है कि एक्सरसाइज नहीं करने पर क्या होता है? तब क्या होता है कि जब आप लंबे समय तक वर्कआउट नहीं करते? लंबे समय तक एक्सरसाइज नहीं करने और फिजिकली एक्टिव नहीं होना जिंदगी को खतरे तक में डाल सकता है.
जानकारी के मुताबिक तंबाकू से ज्यादा मौतें शारीरिक तौर पर एक्टिव नहीं रहने के चलते होती हैं. आज हम आपको बता रहे हैं एक्सरसाइज नहीं करने से आपके शरीर पर क्या असर होता है.

कमजोर दिल
एक्सरसाइज दिल को पंप और सक्रिय रखती है. नियमित रूप से एरोबिक और कार्डियो एक्सरसाइज करने से हार्ट रेट अच्छी रहती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम होता है. वहीं लंबे समय तक एक्सरसाइज नहीं करने से सांस और दिल से जुड़ी परेशानी होने लगती है.

कमजोर मांसपेशियां
एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत रखने का काम भी करती हैं और लंबे समय तक व्यायाम नहीं करने से यह कमजोर हो जाती हैं. मांसपेशियां पहले जितनी मजबूत नहीं रहती और रोजमर्रा के कामों को करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
किसी तरह का सामान्य वजन उठाने में भी मुश्किल हो सकती है. साथ ही घुटने व कंधों में दर्द जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है.

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अच्छी नींद ना आना
एक्सरसाइज का सीधा संबंध अच्छी नींद से है. जब आप ना व्यायाम कर रहे हैं और ना ही अच्छी नींद ले पा रहे हैं तो यकीनन अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
वर्कआउट के बाद अच्छी नींद आती है और उठने के बाद आप एक्टिव महसूस करते हैं वहीं दूसरी तरफ एक्सरसाइज ना करने से अच्छी नींद नहीं आती. नींद पूरी ना होने के चलते मधुमेह, वजन बढ़ना और खराब मेंटल हेल्थ का खतरा कई गुणा तक बढ़ जाता है.

टाइप- 2 डायबिटीज
व्यायाम नहीं करने के कारण टाइप -2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. फिजिकल एक्टिविटी के नहीं होने की वजह से ब्लड शुगर फंक्शन बिगड़ जाता है जिससे टाइप- 2 डायबिटीज और मोटापे जैसी समस्या हो सकती है.

कमजोर याददाश्त
शारीरिक तौर पर एक्विट नहीं रहने के चलते शरीर कई मायनों में कमजोर पड़ जाता है तो वहीं इसका असर दिमाग पर भी होता है. माना जाता है कि फिजिकली एक्टिव लोगों की तुलना में उन लोगों की याददाश्त जल्दी कमजोर होती है जो शारीरिक तौर पर एक्टिव नहीं होते.

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