केसरिया बालम के साथ यहाँ पधार कर, वैलेंटाइन डे को बनायें यादगार!

फरवरी का महीना राजस्थान में पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे शानदार महीना माना जाता है. इस महीने में जहाँ ठंड का मौसम अपने विदाई की ओर अग्रसर होता है तो वहीं गुनगुनी ठंड और धूप की मिलावट से बनने वाला दिन आपमें अनूठी ऊर्जा का संचार करता है. इस मौसम में आप राजस्थान की सैर कर इसकी अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत और कला का आनंद उठा सकते हैं. आइये आपको लेकर चलते हैं राजाओं, किलों और जीवंत संस्कृति की भूमि, राजस्थान के कुछ प्रमुख शहरों की यात्रा पर जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, कला और संस्कृति से पूरे विश्व में रंगीला राजस्थान की पहचान गढ़ते हैं.

जयपुर

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राजस्थान की राजधानी जयपुर, वास्तुकला के चमत्कारों, हलचल भरे बाज़ारों और शाही वैभव का खजाना है. यहाँ का प्रतिष्ठित हवा महल, आमेर दुर्ग, सिटी पैलेस और जंतर मंतर शहर के शाही अतीत और स्थापत्य प्रतिभा का प्रमाण है. यहाँ पहुँच कर आप इन जगहों का दीदार करना न भूलें.

उदयपुर

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अरावली पहाड़ियों के बीच बसा झीलों का शहर उदयपुर अपनी शांत झीलों, भव्य महलों और रोमांटिक माहौल के लिए प्रसिद्ध है. यहाँ पिछोला झील और फतेहसागर झील पर नाव की सवारी करना न भूलें. इसके साथ ही यहाँ के सिटी पैलेस, जग मंदिर, जगदीश मंदिर, मानसून पैलेस और सहेलियों की बाड़ी का भी दीदार ज़रूर करें.

जैसलमेर

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थार रेगिस्तान की गोद में स्थित, जैसलमेर अपने सुनहरे रंग के किलों, जटिल नक्काशीदार हवेलियों और जीवंत संस्कृति से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देता है. इसी विशेषता के कारण इसे ‘’गोल्डन सिटी’’ की संज्ञा दी गई है. यहाँ पर आप शानदार किलों को निहार कर, शहर की संकरी गलियों में टहलकर, मनमोहक रेत के टीलों में ऊंट सफारी कर अपनी यात्रा को जीवन भर के लिये यादगार बना सकते हैं.

पुष्कर

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पवित्र मंदिरों के लिए प्रसिद्ध पुष्कर शहर तीन तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ है. पौराणिक इतिहास और मंदिरों की स्थापत्य कला पुष्कर को विरासत में मिली है. इसीलिये तीर्थयात्रियों के दिलों में यह शहर एक विशेष स्थान रखता है. इस शहर में आप पवित्र पुष्कर झील, ऊँट मेला और सदियों पुराने मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं.

जोधपुर

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थार रेगिस्तान के बीच स्थित जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यह अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों के लिये प्रसिद्ध है. वर्ष भर चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण जोधपुर को “सूर्य नगरी” कहा जाता है. यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले रंग के मकान इस शहर को “नीली नगरी” की भी संज्ञा दिलाते हैं.

चित्तौड़गढ़

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चित्तौड़गढ़, भारत की वीरभूमि है जिसने समूचे भारत में शौर्य, देशभक्ति एवम् बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है. इस शहर को महाराणा प्रताप का गढ़ तथा जौहर का गढ़ भी कहा जाता है. मौर्य वंश के राजा चित्रांगद मौर्य ने यहाँ पर चित्तौड़गढ़ दुर्ग की नींव रखी थी जो कि एशिया का सबसे बड़ा गढ़ दुर्ग भी है. इस दुर्ग परिसर के भीतर ही विजय स्तम्भ, रानी पद्मिनी महल और जौहर स्थल शौर्य की गाथा गाते हैं.

अजमेर

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यह शहर अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है. यहाँ का तीर्थस्थल ख़्वाज़ा मोइन-उद-दीन चिश्ती दरगाह प्रसिद्ध फारसी सूफी संत मोइन-उद-दीन चिश्ती को समर्पित है. इस दरगाह के खादिम भील पूर्वजों के वंशज माने जाते हैं. इस दरगाह की ख़ास बात यह है कि हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय यहाँ अटूट श्रृद्धा रखते हैं.

माउंट आबू

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यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है जो अपनी हरी-भरी हरियाली, ठंडी जलवायु और शांत झीलों के प्रसिद्ध है. आप यहाँ अपनी उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध दिलवाड़ा मंदिर देखने के साथ नक्की झील पर नौका विहार का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा सनसेट पॉइंट पर सूर्यास्त की मनमोहक छटा को भी निहार सकते हैं.

बीकानेर

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थार रेगिस्तान के बीचों-बीच मौजूद बीकानेर शहर को राजस्थान का दिल कहते हैं. यह शहर राजपुताना सभ्यता, संस्कृति और ऐतिहासिक किलों के पुराने इतिहास के लिये प्रसिद्ध है. यहाँ आप जूनागढ़ किला, करणी माता मंदिर, गजनेर पैलेस, लालगढ़ पैलेस, रामपुरिया हवेली और लक्ष्मी निवास पैलेस घूमने के साथ ऊंट सफारी का भी आनंद ले सकते हैं.

राजसमन्द

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मार्बल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध यह शहर सुन्दर झील, अलौकिक महल, ऐतिहासिक वास्तुकला और वन्य जीव अभ्यारण्य पार्क के लिये प्रसिद्ध है. यह शहर उदयपुर से ज्यादा दूर नहीं है यहाँ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हल्दी घाटी है तो वहीं दूसरा कुम्भलगढ़ दुर्ग है. इस दुर्ग की दीवार, चीन की दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है.

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