गूगल पर क्यों और कैसे मिल जाता है हर सवाल का जवाब, जाने यहाँ
अक्सर ऐसा होता ही कि जब भी हमको किसी चीज़ के बारे में जानकारी चाहिए होती है तो हम सबसे पहले उसे गूगल पर सर्च करने लगता हैं. ये दुनिया के सबसे पॉपुलर सर्च इंजन में से एक माना जाना जाता है. गूगल पर आप जो भी सर्च करते हैं वह उससे रिलेटेड एक नहीं कई तरह के इन्फोर्मेशन आपको चुटकी बचाते ही दे देता है. चाहे कोई विज्ञान से संबंधित सवाल हो या कोई गणित का सवाल, इंग्लिश से हिंदी ट्रंसलेट हो या किसी अन्य भाषा में अनुवाद. यूं कहें कि गूगल के पास हर तरह के सवाल का जवाब है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल पर हर सवाल का जवाब आता कहाँ से है. कैसे चुटकियों में हमें हमारे सवाले से संबंधित ढेर सारी जानकारी मिल जाती है? तो चलिए जानते हैं.
क्रॉलिंग
जब भी आप पहली बार सर्च बार में कुछ टाइप करते हो तो उससे संबंधित वेब पर मौजूद सभी पेड आ जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट पर वेब पेज की तो कोई सेंट्रल रजिस्ट्री नहीं होती है. यही वजह है कि गूगल उन्हें बार-बार लिस्ट में डालता है. ऐसे प्रोसेस के लिए वेब क्रॉलर्स के गूगल बॉट की मदद भी ली जाती है. क्रॉलर वेब पेड ढूंढने में सहायता करता है. ये क्रॉलर कीवर्ड पर काम करता है जो विभिन्न वेबसाइट्स अपने आर्टिकल में डालती हैं. ये कीवर्ड ऐसे होते हैं जिन पर ज्यादा वॉल्यूम यानि जो ज्यादा बार सर्च किए जाते हैं. आपके सवाल के जवाब देने के लिए गूगल पेजों को क्रॉल कर देता है और फिर इसे इंडेक्स में नए पेज को जोड़ देता है.
इंडेक्सिंग
जब आपको अपने सवाल का जवाब यानि सर्च रिज़ल्ट मिल जाता है तो गूगल पेज के डाटा को समझते हुए काम करता है. गूगल का काम वेबपेज पर एम्बेड किए गए वीडियो, फोटो, कैटलॉग, कंटेंट आदि का एनालिसिस करना है. इसे इंडेक्सिंग कहते हैं. गूगल इंडेक्स में जानकारी इक्ट्ठा करता है जिससे कंप्यूटर में बड़ा डाटाबेस बनता है. डाटाबेस को बनाने में बहुत सी बातों पर गौर किया जाता है. इसमें कीवर्ड और वेबसाइट पर यूनीक कंटेंट से लेकर बहुत चीज़ों पकी आवश्यकता होती है. वही जानकारी गूगल पर इंडेक्स होती है जिसका कॉपी-पेस्ट कंटेंट नहीं होता और प्रोपर कीवर्ड इंप्लीमेन्टेशन होता है. सर्च इंडेक्स में निहित सभी जानकारी को गूगल द्वारा ट्रैक किया जाता है. अगर गूगल के एनालिसिस में कोई भी डुप्लीकेट या कॉपी-पेस्ट कंटेंट मिलता है, जो किसी अन्य वेबसाइट पर भी हो तो गूगल उसे रिजेक्ट कर देता है. गूगल केवल वही इंडेक्स करता है जिसकी जानकारी सटीक, अनोखी और कीवर्ड से भरी हो.
रैंकिंग
जैसे नाम से ही साफ होता है कि यहाँ जानकारी की प्राथमिकता की बात हो रही है. इससे तात्पर्य है कि गूगल अपने टॉप रिजल्ट में कौन सी जानकारी उपलब्ध कराता है. मान लो कि एक यूजर कुछ सर्च करता है तो उसे सबसे पहले टॉप रिजल्ट दिखते हैं. यह भाषा, लोकेशन, डिवाइस जैसी जानकारियों पर ध्यान रखता है. किस पेज का रैकिंग कितना है इसका भी ध्यान रखआ जाता है. इस तरह गूगल के पास आपके हर सवाल का जवाब सेकेंडों में मिल जाता है.