किशमिश खाने के अनेक फायदे हैं, लेकिन ज्यादा खाने से भी है नुकसान !!

किशमिश के स्वाद को हर कोई पहचानता है, लेकिन क्या आप किशमिश के लाभ के बारे में जानते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि किशमिश के गुण सिर्फ इसकी मिठास तक सीमित नहीं है, बल्कि शरीर से जुड़ी कई शारीरिक समस्याओं से आराम पाने के लिए भी लाभदायक हैं. हाजमा ठीक करने से लेकर, यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने का काम करती है. इस लेख में विस्तार से जानिए किशमिश खाने के फायदे और नुकसान के बारे में. साथ ही इस बात पर भी गौर करना जरूरी है कि किशमिश के गुण लेख में शामिल बीमारियों के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं.

किशमिश क्या है?
किशमिश अंगूरों को सुखाकर तैयार किया जाता है. अंगूरों को लगभग दो- तीन हफ्तों तक धूप में सुखाकर उसका मॉइस्चर निकाला जाता है. भारत में इसको कई नाम से जाना जाता है, जैसे नार्थ में इसे किशमिश (Kishmish) बोलते हैं, अंग्रेजी में रैसिन (Raisin) और महाराष्ट्र में इसे मनुका (Manuka) के नाम से जाना जाता है. सेहत के लिए किशमिश को लाभकारी इसलिए माना गया है क्योंकि यह कई जरूरी गुणों से समृद्ध होती है. साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गतिविधियां भी पाई जाती हैं.
किशमिश कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से मुख्य तीन को हम आपको बता रहे हैं.

भूरी किशमिश: यह किशमिश अंगूरों को तीन हफ्तों तक सुखाकर बनाई जाती है। सूखने के बाद इनका रंग भूरा हो सकता है. इसका रंग और आकार अंगूर की गुणवत्ता पर निर्भर करता है.


Image Source:

सुल्ताना (गोल्डन किशमिश): यह किशमिश सुल्ताना अंगूर (बीज रहित हरे गोल अंगूर) को सुखाकर बनाई जाती है। इस प्रकार की किशमिश को बनाने के लिए सुखाने से पहले अंगूर को एक तरह के तैलीय विलयन में भिगोया जाता है. इसका आकार बाकी किशमिश से सबसे छोटा और मीठा होता है.


Image Source:

करंट (काली किशमिश): इस प्रकार की किशमिश को करंट भी कहा जाता है और इन्हें काले अंगूर से बनाया जाता है. अंगूरों को तीन हफ्तों तक सुखाकर बनाया जाता है. इनका स्वाद अक्सर खट्टा-मीठा और आकार छोटा होता है.


Image Source:

किशमिश के फ़ायदे
हाई बीपी में फायदेमंद: हाई बीपी के मरीज अगर खाली पेट में किशमिश खाएंगे तो उनके लिए बहुत अच्छा होता है. दरअसल, इसमें पोटैशियम और फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है. जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में फायदेमंद है. साथ ही इसमें कई और तरह के पोषक तत्व होते हैं जो कि पेट में काम करते हैं. साथ ही साथ बीपी कंट्रोल के लिए भी यह अच्छा होता है.

ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद है किशमिश: किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं तो मुंह की बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है. एंटीबैक्टीरियल फंक्शन के अलावा किशमिश में पाए जाने वाले सुक्रोज दांत की सफाई और बनावट को बेहतर रखने में कारगार हैं. सुबह खाली पेट अगर इसे चबा-चबा कर खाया जाये तो इससे आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं.

हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है: खून की कमी के कारण एनीमिया की बीमारी का शिकार हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में सुबह खाली पेट किशमिश खाने से काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है. इसमें आयरन, रेड ब्लड सेल्स बनने के साथ-साथ शरीर में खून की पूर्ति होती है. इससे खून की कमी नहीं होती है और आप हेल्दी बने रहते हैं.

हाई फाइबर से भरपूर: हाई फाइबर से भरपूर किशमिश थायराइड ग्लैंड के काम करने में काफी ज्यादा मदद करता है. किशमिश में फाइबर, पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड. जो शरीर के लिए अच्छा एंटीऑक्सिडेंट साबित हो सकते हैं. थायरॉइड हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करने में किशमिश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यह शरीर में थायराइड-उत्तेजक हार्मोन को भी बढ़ावा देता है.

एक दिन में भीगी हुई कितनी किशमिश खानी चाहिए
एक दिन में 8 – 10 भीगी हुई किशमिश खानी चाहिए. बहुत ज्यादा किशमिश आपके पेट के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि यह दूसरे पोषक तत्वों को अवशोषित होने से रोक सकता है. इसमें चीनी और कैलोरी भी काफी होती है. इसलिए हर दिन बहुत ज्यादा किशमिश न खाएं बल्कि भिगोकर भी सिर्फ 8-10 किशमिश ही खाएं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताए गए तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *